“समय की माया” एक हिंदी कविता है जो अहंकार और करुणा की गहराई को उजागर करती है। इस Hindi Poem के माध्यम से लेखक ने हमें यह समझाया है कि कैसे समय के साथ हमारे भीतर के अहंकार और द्वेष को पहचाना और उन पर विजय पाई जा सकती है।
बड़ा अडिग है, भिमकाय
सीने पर साँप सा भारी,
खोने की खाँचों में बैठा,
एक ख़ाक बड़ा अभिमानी,
वो सत में एक झूठ सा बैठा,
झुठों में सतज्ञानि ।आँखों से ओझल रहता है,
पर दिमाग़ पर भाड़ी,
तुम में होकर तुम्हीं को मारे,
एक काल, ज़हर की भाँति ।जो कंकर को मोती कर दे,
करुणा, प्रेम की छाया,
जो हम-तुम को दूषित कर दे,
द्वेष, अभिमान की छाया ।
न उसको आज़ाद करो,
न उसकी ओढ़ लो साँया,
समय-समय है चलती,
समय-समय की माया ।विश्लेषण
प्रिय पाठकों, “समय की माया” हमें अहंकार और करुणा के बीच के अंतर को समझने की एक गहरी यात्रा पर ले जाती है। इस हिंदी कविता में समय की परतों के भीतर छिपे हुए भावनात्मक संघर्ष और आत्मिक सच्चाइयों को उजागर किया गया है। यह hindi poem हमें याद दिलाती है कि समय के साथ-साथ हमारी भावनाएँ और विचार भी बदलते हैं, और हमें अपनी आंतरिक यात्रा को समझने की आवश्यकता है।
“समय की माया” हमारे जीवन में अहंकार और करुणा की गहरी परतों को उजागर करती है। समय के साथ, मनुष्य के भीतर कई भावनाएँ पनपती हैं—कुछ हमें सशक्त बनाती हैं, जबकि अन्य हमें कमजोर कर देती हैं। इस कविता के माध्यम से, लेखक गौतम कुमार ने अहंकार और द्वेष जैसे नकारात्मक भावनाओं को पहचानने और उनसे मुक्त होने का मार्ग प्रस्तुत किया है।
यहाँ अहंकार को उस तत्व के रूप में देखा गया है जो हमें दूसरों से अलग करता है और हमारे भीतर द्वेष की आग जलाता है। लेकिन इसके साथ ही, करुणा का प्रकाश भी विद्यमान है, जो इन नकारात्मक भावनाओं को मिटाकर हमें सच्चे आत्मबोध की ओर ले जाता है। समय, जिसे हम अक्सर केवल एक बाहरी कारक के रूप में देखते हैं, वास्तव में हमारे मन और आत्मा में गहरे परिवर्तन लाने की शक्ति रखता है। इस कविता के माध्यम से, पाठक को आत्मविश्लेषण करने और अपने भीतर के अहंकार और करुणा के बीच संतुलन बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
इस कविता में समय को एक माया के रूप में प्रस्तुत किया गया है—एक ऐसी माया जो हमें भ्रमित करती है, लेकिन साथ ही हमारी चेतना को भी जाग्रत करती है। यह कविता न केवल भावनाओं की जटिलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे समय की माया हमें अपने जीवन की सच्चाई से रूबरू कराती है।
HIGHLIGHT
बड़ा अडिग है, भिमकाय, सीने पर साँप सा भारी
“A rigid and massive presence weighs heavily like a serpent on the chest, symbolizing the burden of arrogance and inner turmoil.”
जो कंकर को मोती कर दे / करुणा, प्रेम की छाया
“What turns pebbles into pearls is the shadow of compassion and love, illustrating the transformative power of these emotions.”न उसको आज़ाद करो, न उसकी ओढ़ लो साँया
“Do not free him nor take his shadow; a reminder of the complexity of confronting and understanding our inner struggles.”समय-समय है चलती, समय-समय की माया
“Time flows with its own pace, a play of illusions and truths, reflecting on the ever-changing nature of our experiences.”अगर आपको ये कविता पसंद आयी है तो कृपया अपना सुझाव कॉमेंट सेक्शन में ज़रूर दे। मेरी रचनायें पढ़ने के लिए हिन्दी कविता पेज पर जाए और भी कविताएँ आप अमर उजाला के कविता पेज पर पढ़ सकते है। धन्यवाद।